Thursday 24 May 2012

साथी

साथी 

कभी -कभी बहुत बुरा  लगता है ,

जब मित्रों का साथ छूटता है 

आने वाले पल से कुछ कदम आगे ,

खुशी मिलती है जो दुःख में बदल जाती है 

भविष्य में आगे बढ़ने में देते सीढी की तरह साथ ,

और संसार में जाने जाते बुद्धिमान 

मित्र,जैसे पीछे छूटीकोई परछाई 

दिल और दिमाग में एक सुहानी याद की तरह 

सफलता की सीढी पर चढ़ने में देते साथ ,कुछ प्यारे रिश्ते  बनाते  हुए 

मेरे कुछ हमउम्र  साथी 

संसार रूपी दुख  के पिंजरे से करते हुए आज़ाद 

मेरी इच्छा है कि मुझे कुछ ऐसे मिले साथी 

जिनसे  मैं बाँटू सुख -दुःख ,सुबह -शाम 

जब मैं हँसू तो वे हँसे

और  मेरी खुशियाँ बढ़ाएँ 

जब मैं ठ गी जाऊं ,वे दुःख मनाए

तो वे मेरे सच्चे साथी बनकर आये 

और  तब प्रभु से प्रेरणा पाकर 

मैं इच्छित फल पाऊं 

किस्मत या सौभाग्य से जिस मित्र कि मैं तारीफ़ करूँ 

और मेरी थकी आँखें अनकही खुशी  पायें 

मैं उस प्रभु का धन्यवाद करूँ जिसने 

मेरे लिए  ऐसे साथी भेजे 


और


नए उजाले की शुरुआत

नए  उजाले की शुरुआत 

पूरी रात जागकर

मैंने चाँदनी को निहारा ,

चाँद ,एक सपने जैसा सुंदर था ,

नीली -नीली आकाश गंगा  की दूधिया लहरों में तैरता हुआ 

अकेलेपन का सहारा 'मुठ्ठीभर सितारों के साथ 

विस्तृत नीलाभ गगन में 

प्रतीक्षारत सूर्य की सुनहली रश्मिरथी पर 

और तभी क्षितिज पर सूर्योदय हुआ 

नई उम्मीदों और आशाओं के साथ प्रतीक्षा 

की समाप्ति  के साथ 

यूँ मेरे सुंदर दिन की शुरुआत  हुई