Thursday 23 June 2011

शहर जल रहा है मंत्री जी सो रहे है

शहर जल रहा है मंत्री जी सो रहे है
लोग तरस रहे मिलने को
मन की व्यथा सुनाने को
पी. ए.जी फार्म रहे है
मंत्री जी परेशां हो रहे है
देश की समस्याओं में उलझे है

चैन नहीं पा रहे है
तभी अंदर  से कोई बोला
कि मंत्री जी तो सो रहे है
मंत्री जी वापस आये केंद्र में

परधानमंत्री बोले :ये क्या 
आप तो गए थे दंगे बंद करवाने
और जा के सो गए 
 ए. सी. कमरे में
मंत्री जी बोले :काम हो जायेगा 
लोग मर रहे है आकाश तो नहीं फटेगा
आप भी आराम से सोइए/
लोग मरेगे ,  जनता पाएगे सुख
इसे तरह देश की आबादी
हो जाएगी कम!