Saturday, 24 March 2012

वक्त

ये जो वक्त है बदल जायेगा
तुम राह पे चलो तो सही  हमसफ़र
मिल जायेगा
ये जो तन्हाई का आलम है कट जायेगा
तुम हंसो तो सही गन ख़ुशी में बदल जायेगा
क्यों उदासी को अपनी मंजिल हो बनाये हुए
बहुत खुशियाँ हैं  ज़माने में लूट सको तो
वक्त बदल जायेगा
तुम खुद को गम में हो डुबोये हुए
पोंछ कर अश्क मुस्काओ  तो
वक्त बदल जायेगा

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