महक
एक क्यारियों वाला घर
जामुन ; अनार और
नीबू के पेड़ों से सजा
तितलिओं से भरा
जवाकुसुम ;चंपा के पुष्पों
से ढका
बरसात में उठती
मिटटी की सोंधी महक से महकता
वो घर
अक्सर याद आता है /
ढेरों स्मृतियों में
अक्सर क्यारियों
की मेड़ें
फांदती घर की ओर दोरती
अपने कमरे तक पहुचती हू/ मगर फिर वापस क्यारियों में लोट जाती हू
तितलियों
ओर फूलों के बीच
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