maulik srijan
srijnatmak vikas
Monday, 8 January 2018
Friday, 19 October 2012
आशा की किरण
आशा की किरण
सूरज को उगने दो
आशाओं को जगने दो
मत डरो तुम अँधेरे से
एक किरण उम्मीद की ---------
खुशबू आए फूलों की ----------
खिलते रहो ऐसे तुम चमन में
मुरझाए फूलों को सजने दो
सूनेपन में आवाज़ों को
बजने दो
तन्हाई में महफ़िल को सजने दो
मत उलझो तुम
मन की उलझनों में
खोलो झरोखों को
लहराने दो पुरवाई को
महसूस करो ताज़गी को
जीवन में आने दो आशाओं की
किरण को
तुम सँवारो अपने आप को ।
सूरज को उगने दो
आशाओं को जगने दो
मत डरो तुम अँधेरे से
एक किरण उम्मीद की ---------
खुशबू आए फूलों की ----------
खिलते रहो ऐसे तुम चमन में
मुरझाए फूलों को सजने दो
सूनेपन में आवाज़ों को
बजने दो
तन्हाई में महफ़िल को सजने दो
मत उलझो तुम
मन की उलझनों में
खोलो झरोखों को
लहराने दो पुरवाई को
महसूस करो ताज़गी को
जीवन में आने दो आशाओं की
किरण को
तुम सँवारो अपने आप को ।
Thursday, 24 May 2012
साथी
साथी
कभी -कभी बहुत बुरा लगता है ,
जब मित्रों का साथ छूटता है
आने वाले पल से कुछ कदम आगे ,
खुशी मिलती है जो दुःख में बदल जाती है
भविष्य में आगे बढ़ने में देते सीढी की तरह साथ ,
और संसार में जाने जाते बुद्धिमान
मित्र,जैसे पीछे छूटीकोई परछाई
दिल और दिमाग में एक सुहानी याद की तरह
सफलता की सीढी पर चढ़ने में देते साथ ,कुछ प्यारे रिश्ते बनाते हुए
मेरे कुछ हमउम्र साथी
संसार रूपी दुख के पिंजरे से करते हुए आज़ाद
मेरी इच्छा है कि मुझे कुछ ऐसे मिले साथी
जिनसे मैं बाँटू सुख -दुःख ,सुबह -शाम
जब मैं हँसू तो वे हँसे
और मेरी खुशियाँ बढ़ाएँ
जब मैं ठ गी जाऊं ,वे दुःख मनाए
तो वे मेरे सच्चे साथी बनकर आये
और तब प्रभु से प्रेरणा पाकर
मैं इच्छित फल पाऊं
किस्मत या सौभाग्य से जिस मित्र कि मैं तारीफ़ करूँ
और मेरी थकी आँखें अनकही खुशी पायें
मैं उस प्रभु का धन्यवाद करूँ जिसने
मेरे लिए ऐसे साथी भेजे
और
नए उजाले की शुरुआत
नए उजाले की शुरुआत
पूरी रात जागकर
मैंने चाँदनी को निहारा ,
चाँद ,एक सपने जैसा सुंदर था ,
नीली -नीली आकाश गंगा की दूधिया लहरों में तैरता हुआ
अकेलेपन का सहारा 'मुठ्ठीभर सितारों के साथ
विस्तृत नीलाभ गगन में
प्रतीक्षारत सूर्य की सुनहली रश्मिरथी पर
और तभी क्षितिज पर सूर्योदय हुआ
नई उम्मीदों और आशाओं के साथ प्रतीक्षा
की समाप्ति के साथ
यूँ मेरे सुंदर दिन की शुरुआत हुई
Thursday, 19 April 2012
ज़िन्दगी की ज़रूरतें
ज़िन्दगी की ज़रूरतें
पूरी करते- करते
सारा जीवन बीत जाता है
और बहुत सी चीज़ें
अछूती रह जाती है
हम दुनिया के अंदर रहते हुए
घर के घर में रह जाते हैं
क्यों ,हरेक व्यक्ति
दूसरे के दुख को समझने की कोशिश
नहीं करता
क्यों नहीं ,हम साहित्य ,संगीत की
दुनिया का आनंद लेते
क्यों,
हम केवल जीवन की आवश्यकताओं
को पूरा करने में लगे रहते हैं
मैंने चाहा ,
कि कुछ लोगों को
इन चीजों में रूचि जगाऊँ
लेकिन सब व्यर्थं निकला
क्योंकि ,वो सब मेरी तरह
इन बेकार के शौकों
को नहीं पालते ,
क्योंकि,
ये शौक
जीवन की मूलभूत आवश्यकता
रोटी ,नहीं उपजा सकते
पूरी करते- करते
सारा जीवन बीत जाता है
और बहुत सी चीज़ें
अछूती रह जाती है
हम दुनिया के अंदर रहते हुए
घर के घर में रह जाते हैं
क्यों ,हरेक व्यक्ति
दूसरे के दुख को समझने की कोशिश
नहीं करता
क्यों नहीं ,हम साहित्य ,संगीत की
दुनिया का आनंद लेते
क्यों,
हम केवल जीवन की आवश्यकताओं
को पूरा करने में लगे रहते हैं
मैंने चाहा ,
कि कुछ लोगों को
इन चीजों में रूचि जगाऊँ
लेकिन सब व्यर्थं निकला
क्योंकि ,वो सब मेरी तरह
इन बेकार के शौकों
को नहीं पालते ,
क्योंकि,
ये शौक
जीवन की मूलभूत आवश्यकता
रोटी ,नहीं उपजा सकते
Saturday, 24 March 2012
खाड़ी- युद्ध को समर्पित एक सैनिक की व्यथा
मैंने देखा है जिंदगी को
भागते हुए उन अंतहीन
इच्छाओं को पूरा करने के लिए /
मैंने देखा है जिंदगी को
सिसकते हुए ,रेंगते हुए /
मैंने सुनी है आहट मौत की
मैंने महसूस किया है मोहताजी को
मैंने इंतजार किया है एक
लम्बी बीमारी के बाद मौत का
ताकि खामोश एक लम्बी
नींद सो सकूँ इस दुनिया से दूर
क्योकि मैंने भोगी है एक लम्बी
जीवन यात्रा
मैंने देखा है अपने लोगो को
अपने घर पर मेरी ही मौत की
दुआएं करते
वक्त
ये जो वक्त है बदल जायेगा
तुम राह पे चलो तो सही हमसफ़र
मिल जायेगा
ये जो तन्हाई का आलम है कट जायेगा
तुम हंसो तो सही गन ख़ुशी में बदल जायेगा
क्यों उदासी को अपनी मंजिल हो बनाये हुए
बहुत खुशियाँ हैं ज़माने में लूट सको तो
वक्त बदल जायेगा
तुम खुद को गम में हो डुबोये हुए
पोंछ कर अश्क मुस्काओ तो
वक्त बदल जायेगा
तुम राह पे चलो तो सही हमसफ़र
मिल जायेगा
ये जो तन्हाई का आलम है कट जायेगा
तुम हंसो तो सही गन ख़ुशी में बदल जायेगा
क्यों उदासी को अपनी मंजिल हो बनाये हुए
बहुत खुशियाँ हैं ज़माने में लूट सको तो
वक्त बदल जायेगा
तुम खुद को गम में हो डुबोये हुए
पोंछ कर अश्क मुस्काओ तो
वक्त बदल जायेगा
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